कबीर साहेब के विषय में महात्माओं और विद्वानों के उद्गार l
कबीर साहेब के विषय में महात्माओं और विद्वानों के उद्गार l
कबीर शब्द का अर्थ होता है महान । कबीर नाम के संत अपने नाम के अनुसार ही महान थे । आज से छ: सौ वर्ष पूर्व उस अंधे युग में कबीर ने कितना तर्कपूर्ण सिद्धान्त रखा था यह सोचकर उस महान पुरुष पर आश्चर्य होता है । उसका निर्णय आज भी उतना ही यथार्थ है जितना उस समय था और आगे भी यथार्थ रहेगा । कबीर किस धातु के बने थे यह एक प्रश्नचिह्न है । कैसा अनोखा, कैसा निष्पक्ष, कैसा बेलाग और कैसा अनासक्त ! कबीर के जीवन और उपदेश मानवता के शंबल हैं ।
सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी
"हम बंगालियों ने तो संस्कृत इसलिए अपनायी कि हमारे पास शब्द नहीं थे । अध्यात्म के लिए जितने शब्द चाहिए उतने उतने शब्द बंगला भाषा नहीं दे सकती । पर तुम ( हिन्दी वालों ) ने कबीर जैसे सन्त के रहते संस्कृत क्यों अपनायी? कबीर ने तो हिन्दी भाषा में अध्यात्म की सारी बातें कह दी हैं और सारी शब्दावली तुम्हें दे दी है ।"
विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर
Kabir is the most revered name in Indian tradition. From Punjab to Bengal and from the Himalayan frontier to the Deccan, he is acknowledged as a great Poet (he has been called the father of Hindi poetry) and as a great mystic, venerated by Hindus and Muslims alike a unique distinction.
विदुषी कुमारी वौदविल
"भाषा पर कबीर का जबर्दस्त अधिकार था । वे वाणी के डिक्टेटर थे । हिन्दी साहित्य के हजार वर्षों के इतिहास में संत कबीर जैसा व्यक्तित्व लेकर कोई लेखक उतपन्न नहीं हुआ । युगावतार की शक्ति और विश्वास लेकर वे पैदा हुए थे और एक वाक्य में उनके व्यक्तित्व को कहा जा सकता है कि वे सिर से पैर तक मस्तमौला थे ।
डॉ• हजारीप्रसाद द्विवेदी
Kabir is regarded as the father of Hindi literature.
रेवरण्ड जी• एच• वेस्काट
"कबीर जैसे महापुरुष का जीवन उस हीरे के समान है जिसके कई पहल होते हैं । हर पहल अपने में सम्पूर्ण सुन्दर और ज्योतिर्मय होता है ।"
डॉ• सम्पूर्णानंद
"कबीर की प्रतिभा और उनकी कविदृष्टि जितनी ज्वलंत और पैनी है उससे कम ज्वलंत उनकी दार्शनिक दृष्टि नहीं है । कबीर का धर्म ओजस्वी आस्तिकवादी वैदिक धर्म के श्रोत से निकलता है ।...सन्त कबीर की उच्च आध्यात्मिकता का प्रभाव युग-युग के लिए सर्वसाधारण पर पड़ा...हिन्दू-मुस्लिम सभी उनके भक्त एवं शिष्य बने । सभी ने उनके काव्य, साहित्य और संगीत के मधुर स्वर का आनंद लिया ।
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