परम प्रभु अपने ही उर पायो ।

परम प्रभु अपने ही उर पायो l जुगन जुगन की मिटी कल्पना, सद्गुरु भेद बतायो ll जैसे कुंवरि कण्ठ मणि भूषण, जान्यो कहूँ गमायो l काहू सखी ने आय बतायो, मन को भरम नशायो ll ज्यों तिरिया स्वप्...
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